पक्षी विहार कावर झील की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु की जा रही सर्वे।

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गढपुरा(बेगूसराय): विश्व स्तर पर लिए जा रहे हैं पक्षी विहार कावर झील के नाम।

  • पक्षी विहार कावर झील के सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु की जा रही सर्वे।
  • 5 जून तक सर्वे समाप्त होने की है संभावना।
  • सर्वे द्वारा दिए गए रिपोर्ट के आधार पर होंगे रिसर्च तथा रिसर्च के आधार पर बनेंगे कावरहीत के लिए एजेंडा।

नारायणपीपर गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक करते रिसर्चर व सर्वेयर।

कावर झील पक्षी विहार का नाम जब से रामसर साइट में शामिल हुआ है तभी से आए दिन इस झील के मनोरम दृश्य को देखने/झील के बारे में जानकारी लेने/झील के ऊपर शोध करने कई संस्थानों के शोधकर्ता आते रहते हैं,

मानिकपुर गांव में स्थानीय लोगों के साथ बैठक करते रिसर्चर व सर्वेयर।

इतना ही नहीं यहां सालों भर देश-विदेश से कई सैलानियों के कतारें लगें रहते हैं।इसी कड़ी के अन्तर्गत ‘एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टिट्यूट पटना के टीमें विगत छः दिनों से पक्षी विहार कावर झील से सटे सभी गांवों के लोगों से मिल कर कावर झील के बारे में जानकारी ले रहे हैं।कावर झीलों में क्या-क्या समस्या है?

नामांकन प्रारंभ है जल्द ही संपर्क करें।

एवं उन समस्याओं का समाधान क्या-क्या हो सकतें हैं ? इसी क्षेत्र के स्थानीय लोगों से अपने सर्वेयर के माध्यम से जानकारी ले रहे हैं।

ग्राम भ्रमण के दौरान 27 मई 2022 को नारायनपीपर एवं मानिकपुर गांव में वहां के स्थानीय लोगों के साथ एक बैठक आहुत की गई ।

नये बैच के लिए नामांकन प्रारंभ है जल्द ही संपर्क करें।

जिसमें संस्था के दो मुख्य रिसर्चर देवरूपा घोष व विवेक कुमार तथा सर्वेयर जितेंद्र कुमार,रजत कुमार, पप्पू कुमार पासवान, जितेश कुमार पटेल,अनील कुमार सहनी तथा अशोक कुमार के साथ सैंकड़ों के संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित हुए।