विद्यालय खिड़की के जर्जर छज्जों को प्राकृतिक तथा कुछ असामाजिक तत्व के लोगों ने मिलकर तोड़कर रचा गहरी साज़िश।

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  • विद्यालय खिड़की के जर्जर छज्जों को प्राकृतिक तथा कुछ असामाजिक तत्व के लोगों ने मिलकर तोड़कर रचा गहरी साज़िश।
  • स्कूल के प्रधानाध्यापक का लापरवाही है या डर ?
  • स्कूल के शिक्षा समिति व यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि के घोर लापरवाही का है यह आलम।
राजकीय कृत मध्यविद्यालय मछराहा रजौड़ के नये भवन।

कहा जाता है कि विद्यालय विद्या का मंदिर होता है तथा इसमें देश के होनहार बच्चों के भविष्यों का निर्माण होता है परंतु कुछ असमाजिक तत्व के लोग विद्यालय को तोड़ कर उसके जमीन को हड़पने को तैयार हैं।

मध्यविद्यालय मछराहा रजौड़ के जर्जर भवन जिसके खिड़की के छज्जों का टूटा दृश्य।

यह घटना कहिए या सोची समझी साजिश कहिए गढ़पुरा प्रखंड के रजौड़ पंचायत के रजौड़ ग्राम स्थित मध्यविद्यालय मछराहा रजौड़ की है प्रथम वर्ग से षष्ठ वर्ग तक संचालित हो रहे वर्ग कक्ष के रूम की स्थिति काफी जर्जर है वही रूम के बाहरी स्थिति के बारे में बात करें तो विद्यालय के खिड़की का छज्जी को वहां के कुछ असमाजिक तत्व के लोगों ने साज़िश के तहत तोड़कर विद्यालय के जमीन को हड़पने की प्रयासरत हैं।

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इस मामले में विद्यालय के वर्तमान प्रधानाध्यापक व विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य तथा यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधिगण मौन हैं। ग्रामीण इस आश में बैठे हैं कि इस मामले में कोई न कोई पहल करें तथा इस समस्या को हल करें। यहां के स्थानीय लोगों ने कहा कि इस विद्यालय में शिक्षकों की कमी नहीं है लेकिन शिक्षक के अनुसार शिक्षा व्यवस्था में काफी गिरावट देखने को मिल रही है। बच्चों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का घोर अभाव है। इस विद्यालय के बच्चे को ठीक ढंग से हिन्दी किताब भी पढ़ने नहीं आता है और गणित की तो बात ही छोड़ दीजिए।

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इस गांव में दो-चार प्राइवेट कोचिंग संस्थान है जिसके सहारे बच्चे ट्यूशन कर कुछ सीख व समझ पाते हैं।